साहित्यिक अभिरुचि कविताओं के सृजन की ओर ले जाती हैं। प्रकृति के प्रेम और राग रंगों की विविधता शब्दों में सहेज लेती हूं। मानवीय संवेदनाएं भी आधार हैं।
फितूर आंखों में ज़हन ने सम्हाले हैं सवाल कई ज़िंदगी मिली तो हमें साथ रखकर मलाल कई। प्रीति कर्ण