"न आँखों से, न बातों से बयां हो पाता है
साहिब ,यह इश्क भी आजकल गुलाबों का मोहताज हुआ जाता है"
© नेहा"अनाहिता" श्रीवास्तव
गुलाब,
प्रेम की मौन अभिव्यक्ति,प्रेम की खुली किताब,
पंखुड़ियाँ हैं इसके पन्ने,लिखी है जिनपर हिय की सारी बात"
©नेहा "अनाहिता" श्रीवास्तव