Man Singh Negi
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स्नातक B.A हिंदी ऑनर्स उम्र 55 वर्ष. निर्माण रिटेल होल्डिंग्स, Lays और Kurkure प्राईवेट कंपनी में कार्यरत हु। टीम लीडर, डीएलओ डिलीवरी लॉजिस्टिक ऑफिसर के पद पर आसीन हु नजफगढ़ शाखा मे. खाली समय में कहानियां लिखना कविताएं लिखना कोट्स लिखना बेहद पसंद है। मेरी 400 से अधिक पुस्तके प्रकाशित हो चुकी... Read more

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हुनर कभी छिपता नहीं हुनर की कद्र हमेशा होती है हुनर को ही नमस्कार है लेखक मान सिंह नेगी

हुनर कभी छिपता नहीं हुनर की कद्र हमेशा होती है हुनर को ही नमस्कार है लेखक मान सिंह नेगी

हुनर कभी छिपता नहीं हुनर की कद्र हमेशा होती है हुनर को ही नमस्कार है लेखक मान सिंह नेगी

कई चेहरे पर चेहरे लगा लेते है लोग सरल हृदय उसे नहीं पहचान पाते क्षण में कुछ क्षण में कुछ पल पल अलग मुखौटा लगा लेते है लोग लेखक मान सिंह नेगी

पहले हम सोते थे तब शरीर को आराम मिलता था. आज हम सोते है तो मोबाइल को आराम मिलता है लेखक मान सिंह नेगी

आज की तारीख मे किसी को भी एक रुपया दे देना. उसे भूलकर भी ज्ञान मत बाटना. लेखक मान सिंह नेगी

खर्चे समय की तरह किसी के लिए भी नहीं रुक सकते. चाहे राजा रंक हो या फ़क़ीर. लेखक मान सिंह नेगी

किसी के पिछवाड़े पर दो लात मार दो. पेट पर लात कभी नहीं मरनी चाहिए लेखक मान सिंह नेगी

राम सिया के भी नहीं है राम लता के भी नहीं है राम पुष्पा के भी नहीं है राम आशा के भी नहीं है राम सबके हैं। लेखक मान सिंह नेगी


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