I'm Nirmal and I love to read StoryMirror contents.
Share with friendsउत्कृष्टम दृष्टि वो है जो अपनी कमियों को देख सके। क्योंकि निद्रा तो नित्य ही खुलती है परन्तु, नेत्र कभी- कभी।
जहा ज्ञान है, वहा अहंकार कैसा जहा अहंकार है, वहा ज्ञान कैसा जहा शब्दों की सीमा लाँघी जाए फिर वहा सभ्यता, संस्कार कैसा
श्रेष्ठता का आधार कोई ऊँचे आसन पर बैठना नही होता श्रेष्ठता का आधार हमारी ऊँची सोच पर निर्भर करता है मार्गदर्शन सहीं हो तो... दिए का प्रकाश भी सूरज का काम कर जाता है।