निःस्वार्थ भाव से किया गया कर्म हमारे आंतरिक विकास में सहायक होता है ।
- 'चाँद'
अपने कर्मों का फल अगले जन्मों में या कहीं और नहीं मिलता बल्कि इसी जीवन में और यहीं मिलता है । अतः कर्म करते समय पूर्णतः सचेत रहें । किसी का दिल न दुखाएँ ।
- 'चाँद'
जो ईश्वर में विश्वास नहीं रखते वे अपने माता - पिता की छोटी - छोटी खुशियों का ख्याल रखें । अच्छी अनुभूति होगी
- 'चाँद'
घमण्ड हीनता का प्रतीक है और विनम्रता बड़प्पन का ।
- 'चाँद'
अपना ईमान ही व्यक्ति की सबसे बड़ी ताकत होती है ।
असफलता यह सिद्ध करती है कि सफल होने का प्रयास पूरे मन से नहीं किया गया अर्थात कसर बाकी थी ।
सहजता और सरलता ही सुखी जीवन का मूल मंत्र है ।
- चाँद
विनम्रता और प्रेम - भावना ही सबसे बड़ी दौलत है ।
- चन्दन सिंह 'चाँद'
जिंदगी क्या है ?
- कुछ कर दिखाने की तमन्ना ।