ये इश्क़ की दुनिया भी कमाल है
कहीं लाल तो कहीं मलाल है
बैठा हुआ था वो चांदनी रात में अपने घरौंदे की छत पर
शायद उसे भी चांदनी का इंतजार रहा होगा..
है वो नए जमाने का लेकिन ख्यालात है उसके पुराने से
कहता है उसे भारतीय रिवाजों में ढली हुई ' वो ' जिंदगी पसंद है जिसमें लाखों अफसाने है