दीप पर्व अबकी जब मनाना तुम
एक दीप स्नेह का भी जलाना तुम
घर-आंगन दीपों से सजाना तुम
पर एक दीप अपनत्व का भी जलाना तुम।
सुनील कुमार
जगमग-जगमग दीप जले
हाथों में पूजा की थाली हो
मां लक्ष्मी की कृपा बरसे
हर आंगन खुशहाली हो
सुनील कुमार
हिंदी अपनी आन, हिंदी अपनी शान
हिंदी के सम्मान से,बढ़ा हिंद का मान
सुनील कुमार
भाषा नही अभिमान है
हिंदी हमारी पहचान है।
सुनील कुमार
हिंदी अपनी आन है, हिंदी अपनी शान
हिंदी के सम्मान से, बढ़ा हिंद का मान।
सुनील कुमार
हिंदी में हम सब काम करें
मातृभाषा का सम्मान करें।
जन-जन की अभिलाषा
हिंदी हो हमारी राष्ट्रभाषा।
गुरु का ज्ञान अमृत समान
जीवन राह बनाए आसान
सुनील कुमार
गुरु का ज्ञान अमृत समान
जन- जीवन बनाए महान।
सुनील कुमार