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सच को सीने में दफनाए चुपचाप अनीति के साथ रहना अब आदत बन गई है। सच को सीने में दफनाए चुपचाप अनीति के साथ रहना अब आदत बन गई है।
कुछ दर्द मिटाने का दस्तूर निभा लो। कुछ दर्द मिटाने का दस्तूर निभा लो।
लगाव बता कर घाव करते बार-बार। लगाव बता कर घाव करते बार-बार।
माँ के दो रुप हैं वह जीवन भी और मृत्यु भी... माँ के दो रुप हैं वह जीवन भी और मृत्यु भी...
जीवन की सोंधी महक से भरी जीवन की सोंधी महक से भरी