मंथन हुआ जब दिल में याॅंदों के बसेरे का..
जहर सी चुभती याॅंदे आंसू बनकर बह गयी..
अब दिल सिर्फ मिठी याॅंदे संजोए बैठा हैं..
भरोसा कर अच्छाई पे
मेहनत जरूर रंग लाएगी
दुऑं कर नेकी के जरिए
तेरी हर मन्नत पूरी होगी..
इंसान अगर एक बार समझोते के सांचे मे ढल गया,
तो जिंदगी भर उसे वहीं मूरत बन के जिना पडता हैं..
तजुर्बा भी पिछे छुट जाता हैं
जब जिंदगी हर बार नया रुख मोड़ लेती हैं
इत्र भी फिंका पड जाता हैं,
तेरी खूशबू के आगे..
तुझे छूं कर गुजरती हवाॅं ही काफी हैं,
ये एहसास दिलाने के लिये...