‘मैं ही’ में अहंकार जन्म लेता है,
और
‘तू ही’ निर्विकार को जन्म देता है ।
- अविनाशी अलगारी
प्रार्थना से संभवत: परिस्थिति ना बदलें,
किन्तु मन: स्थित ज़रूर बदलती है,
जो परिस्थिति को बदलने की क्षमता पैदा करता है ।
- अविनाशी अलगारी
तु पहले अपने आप को खोज ले,
ईश्वर तुम्हें अपने आप ही मिल जायेगा ।
-अविनाशी अलगारी.
तन दुर्बल हो तो,
बहार से इलाज संभव है।
किन्तु मन दुर्बल हो तो ,
अंदर से खुद को ही इलाज करना पड़ता है ।
- अविनाश अलगारी
અનંત ,નિરંતર ,નિરાકાર,નિસ્વાર્થ એ જ પ્રેમ છે,
સ્વરૂપ,સાકાર,અહંકાર કબજો એ પ્રેમ નો વ્હેમ છે.
ચાલ ફરી એક જીવનનું પન્નું પલટીએ,
એકમેક ના હૈયે સુખ બની ઉમટીએ.