कोई सूई ऐसी ला दो, जिससे जख्म दिल के सिल लूँ, लादो मुझे वो खुशनुमा पल फिर से, जिससे मैं जिंदगी बुन लूँ!!!!! नयना कक्कड़ कपूर
कौन हूं मै? तुम कह देना कुछ खास नही, एक दोस्त है पक्का कच्चा सा, एक झूठ है आधा सच्चा सा, जज्बात से ढका एक पर्दा सा, एक बहाना कुछ अच्छा सा, जीवन का ऐसा साथी जो पास हो कर पास नही, कोई तुमसे पूछे कौन हूं मैं तुम कह देना कोई खास नही!!!
कलयोग तेरा खेल अजब अलबेला है, जब नाम करे रोशन तो तू चाँद मेरा है, हुई चूक या कोई गलती रे, तो दुनिया पूछे तू किस कुल का सवेरा है।।।।। नयना कक्कड़ कपूर
बूँद थी ओस की जो अब कही खो गई, जिंदगी सतरंगी बेरंग हो गई, बस दोस्तो की यारी थी जो, हमारे संग रह गई।। नयना कक्कड़ कपूर