माना मुश्किल है सफर , फिर हार मत मानो अपनी क्षमता को तुम जानो तकलीफ होगी ,चोट लगेगी पर थोड़ा और तुम सहलो फिर जीत के मरहम से उन उन घावों को मिटा दो ।। फिर जीत के मरहम से उन घावों को मिटा दो ।।
शुरुआत आपने की , हमने ना हटाए थे पहले बदले थे आप , फिर हमने बदलाव लाए थे दूर तो आप हो ही चुके है तो एक बात ध्यान रखेंगे हम दूर हुए तो आप भी बिखर जाएगे ।। आप भी बिखर जाएगे ।।
संभालकर रखिए , वरना टूट जाएगे यह रिश्ते कांच के घर होते है , एक पत्थर लगने से ही चूर - चूर हो जाएगे ।।
उदासी को करो दूर , खुशियों को पास लाओ बोल दो इन बुराइयों से की हम से दूर हो जाओ।। की हम से दूर हो जाओ।।