थामे रखा है अश्कों को नयनों में मेरे बस पलकों का भीग जाना बाकी है...
बेहिसाब दर्द से गुजर रही हूँ मैं बस गुजर जाना बाकी है...
और तुम जो तन्हा छोड़ गए हो मुझको इस दुनिया में...
तो सुनो बेजान पड़े जिस्म से मेरे बस रूह का निकल जाना बाकी है...!!
©Adv. Anjali Pandey