Pallavi Goel
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मित्रांशी सामायिक करा

अपनी अमानत किसी के पास सौंपने से पहले उसके विचारों पर जरूर विचार कर लेना।

हमराही के साथ चलते हुए क्या तुम्हें कभी इस बात का अंदाजा हुआ कि उसके हाथ में खंजर है।

चेहरे पर चेहरा चढ़ाए बैठे थे लोग । अपने में परायापन दबाए बैठे थे लोग। चेहरा खुला जो मुस्कुराए बैठे हैं लोग । कत्ल कर अब सजा सुनाए बैठे हैं लोग ।

मंजिल तक चल कर जाने वाले हौसलामंद और मंजिलों को अपने तक खींच कर लाने वाले हुनरमंद होते हैं।

ये वो बात है जिसको हम जीते हैं। स्याही बिखेरते बस गमों को पीते हैं।

जीवन में राहें, आसान नहीं होतीं। शिलाखंड भी मिलते, तीव्र धाराएँ भी बहतीं। राही परचम फहराते, जब चाल अडिग होती। एक पथ,कर्म रत रहके, सफ़लता पग में बसती।

जिंदगी के शोर में ,कुछ लम्हों को तन्हा रहने दो । ये वजह है मेरे जीने की इन्हें मेरा अपना रहने दो।

बीमार शहरों की रौनक़ बिखर गयी है आज घरों में दरों दीवारों की साँसें कुछ तरोताजा सी लगती हैं । ©®पल्लवी गोयल

एक गलत फैसला तब पता चलता है । जब वह अपने परिणाम से रूबरू होता है। पल्लवी गोयल


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