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बहुत हुआ अब.. बहुत हुआ अब रोना छुप कर बस चुपकर, नयन अश्रु धारा नही ज्वाला का प्रमाण है। बहुत हुआ अब सहना तू हठ कर, अब दृढ़ साहस की यह सिंह दहाड़ है।। बहुत हुआ अब रोना बस चुपकर।