माता-पिता के दिये संस्कारों को सीख, इन्सान हर समय अपने अंदर अपने माँ-बाप की छवि लेकर चलता है ।
माता-पिता
माँ-बाप की अहमियत तब समझ आती है जब उनके बच्चे माता-पिता बनते हैं।
सोनी पांडेय
पलकों के झुकने भर में जो दर्द छिपा कर आंखे खोलकर मुस्कुरा सके
असली कलाकार वही है।
पलकों के झुकने भर में जो दर्द छिपा कर आंखे खोलकर मुस्कुरा सके
असली कलाकार वही है।