Deepti Khanna
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मिठास इश्क़ की , कुछ ऐसा है कि रंजिशे दिल हो कितनी भी , रात को तेरी बाहों में आके ये दिल सिमटे फिर भी ।

A rose to purpose my love, to toss our love, as she sparkles by the reflection of the bud, to glorify our day of love.

आखिरी सफर हुआ हम दोनों का शुरू इस कदर , हर रहगुजर से गुजरे हैं हम दोनों रहबर । किसी कूचे लगे थे ख़ार , कहीं मिला हमें बेमिसाल प्यार । कुछ खट्टी ,कुछ मीठी यादों के साथ , अब बताएंगे , अपने ताबनाक के दिन , बन के एक दूसरे के राजदार ।।


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