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झूठ और धोखे से प्रसिद्धि पा सकते हो, लेकिन आत्मसंतुष्टि नहीं..!
फूल डाल पर जब रहे, मन में बसे सुगंध झर कर बिखरे राह में, टूटे जब अनुबंध
कश्मकश खुद को आजमाने की, क्यों फिक्र करें फिर जमाने की!