Manoranjan Tiwari
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वो हर काम, जिसे छुपाने की जरुरत होती है, अपराध कही जाती है, सिवा एक प्रेम को छोड़ कर, बिना छुपाए प्रेम, अपने सम्पूर्णता को प्राप्त ही नहीं होता... 🖋️

रेत का घर बना रहे बच्चें, उसके अंजाम से बेख़बर होते है, या फिर जानते हुए भी की एक चोट में ढह जाएगा, फिर भी पूरी तत्लिनता से सवांरने में लगे होते है उस रेत के घर को, अज्ञानता में आनंद होता है... 🖋️

जहाँ झूठ हाथ में लाउडस्पीकर लिए जोर-जोर से चीख रहा था, सच बोलने वालों ने अपने कान पर हाथ दबा लिए थे इसकदर, कि उनके मुँह से सच निकलने के वजाय कराहें निकल रही थी।... 🖋️

मैं प्यासा बहुत हूँ, पर जाता नहीं किसी कुँए के पास, मुझे डूब जाने का डर बहुत लगता है।... 🖋️

चेहरे पर कहाँ लिखी होती है, सफ़ेद लोगों के साज़िशों की बद्ख्यालियाँ, चेहरे पर तो बदनशिबों के, अँधेरे जीवन की लकीरें खिंची होती है।... 🖋️

तुम समझो ना, उनकी भी बेबसी, जो बातों में मिश्री घोल कर, तुम्हारे बर्बादी की साज़िश करते है।... 🖋️

वक़्त क्या कुछ नहीं करता? पुराने ज़ख्मो को भरता है, नए जख़्म बनाता है, वक़्त सिखाता है कि जिंदगी सिर्फ इतनी ही नहीं है, अभी और भी निशान बाकी है, जो किस रंग के होंगे, किसी को पता नहीं है।... 🖋️

कुछ दर्द जीवन में घुल कर जिंदगी जैसे ही लगने लगते है... 🖋️

जब मुट्ठी से रेत की तरह फिसल रहा होता है रिश्ता, जब प्यार अपने आखिरी पड़ाव में होता है, तब एक तड़प/ एक त्रास के रूप में निकलता है जुबां से, " तुम, मुझे भूल तो ना जाओगे "।.... 🖋️


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