नज़र मिलाना ठीक नही, दिल लगाना ठीक नही नैन लड़ा के नैनन से, नज़र चुराना ठीक नही दिल की दिल मे रखना, राज़ छुपाना ठीक नही अब हाँ कहो या ना कहो, यूँ तड़पाना ठीक नही
Fire and gunpowder were soon common topic of conversation among the rich and powerful, and often referred to as kindred spirits
क्यूँ तुझी को देखना चाहती है मेरी आँखें क्यूँ ख़ामोशीयां करती बस है तेरी बातें क्यूँ इतना चाहने लगा हूँ तुझको मैं की तारे गिनते हुये कटती है मेरी रातें आपको भूल जाये वो नज़र कहाँ से लाएँ किसी और को चाह ले वो जिगर कहाँ से लाएँ नहीं रह सकते आपके बिना उफ़ भी ना निकले… वो ज़हर कहाँ से लाएँ
क्यूँ तुझी को देखना चाहती है मेरी आँखें क्यूँ ख़ामोशीयां करती बस है तेरी बातें क्यूँ इतना चाहने लगा हूँ तुझको मैं की तारे गिनते हुये कटती है मेरी रातें आपको भूल जाये वो नज़र कहाँ से लाएँ किसी और को चाह ले वो जिगर कहाँ से लाएँ नहीं रह सकते आपके बिना उफ़ भी ना निकले… वो ज़हर कहाँ से लाएँ
क्यूँ तुझी को देखना चाहती है मेरी आँखें क्यूँ ख़ामोशीयां करती बस है तेरी बातें क्यूँ इतना चाहने लगा हूँ तुझको मैं की तारे गिनते हुये कटती है मेरी रातें आपको भूल जाये वो नज़र कहाँ से लाएँ किसी और को चाह ले वो जिगर कहाँ से लाएँ नहीं रह सकते आपके बिना उफ़ भी ना निकले… वो ज़हर कहाँ से लाएँ