Rupa Bhattacharya
Literary Colonel
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"कुछ पल सुकून के " कुछ दूसरों के, कुछ खुद की,मन की बातें लिखती हूँ ।

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मेरी जेब जरा सी फट क्या गई, सिक्के से ज्यादा तो रिश्ते गिर गये।

ऐ जिन्दगी , बार- बार मुझे मेरी हैसियत न दिखाया कर कमबख्त, मेरी जेब फटी हुई है, काबिलियत नही।

मौन ही वह खुबसुरत जवाब है उनकों, जो आपके शब्दों को महत्व नहीं देता।

आसमान में "उड़ने " की मनाही नहीं है, मगर हमेशा याद रखना तुम्हारा "घर " जमीन पर ही है।

रक्षा बंधन त्योहार है, भाई- बहन के मधुर प्यार का। दिल की श्रद्धा और सच्चे विश्वास का । भैया , ये है कच्चे धागों का पवित्र बंधन जो तुझे रखे सलामत जीवन अनंत । -रूपा-

तेरे ठुकराने का अब गम नही । राह जीने की तुने दिखा दी है, मोहब्बत 'खुद ' से सीखा दी है। - रूपा -

कर भरोसा शिव नाम का, भय कभी न सताएगा। हर मौके पर महादेव को अपने पास पायेगा।बोलो ।।ऊँ नम: शिवाय ।। शुभ सोमवार । -रूपा-

दोस्ती नाम है सुख-दुःख की कहानी का,दोस्ती राज़ है गम बाँटने का। ये कोई पल भर का साथ नही, ये वादा है उम्र भर साथ निभाने का । शुक्र उस खुदा की जिसने तुझे दोस्त बनाकर इस ज़मी पे उतारा ।। "HAPPY FRIENDSHIP DAY" -रूपा-

कोई बाधा विघ्न पास न आये हर मुराद उसकी पूरी हो जाय जो इस सावन में शिव का नाम जपता रह जाये।हर- हर महादेव। ।। शुभ सोमवार ।। रूपा


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