गुज़र गया वो भी, यह भी गुजर जाएगा !!
यह ज़माना तेरा रहा अब तक,
कभी मेरा भी ज़माना आयेगा !!
हज़ार कसमें खाई थी न मिलने की तुझसे!!
देख कर तुझे, पर दिल बागी हो गया !!
बहुत दूर बहा था , साथ तेरे,
मैं डूबने से पहले !!
पीना भी छूट गया ,तुझसे मिलने के बाद!!
ग़मजदा होने का , अब कोई बहाना न रहा!!
यह तहज़ीब थी मेरी ,
मैं रोया नहीं , महफ़िल में ।
यूँ जुदा होने का ग़म ,
“जोगी” को , कम न था ।
मैं भी देता रहा ,देर तक दिलासा दूर से ।
वो रोती रही , सिर रख ,कन्धे पर किसी और के ।
अब अजनबी तुम्हे , मैं कह दूँ कैसे??
रोज देखता हूँ , छुप कर पर्दे के पीछे !!
एक हौसला क़ायम है !!
है , इक भरोसा क़ायम !!
तू मुझसे , रूठ सकता नहीं !!
गुजर गयी ज़िन्दगी ,सोचते / सोचते //
कल कर दूँगा , इज़हार मोहब्बत का !!