मैं एक गृहणी हूँ, मुझे पढ़ना और लिखना पसंद है। "मैं अपनें जज़्बातो को शब्दों के मोती में पिरो कर जिंदगी के कागज़ पर भावों के क़लम से लिखती हूँ ।"
Share with friendsदिल में गम कितने भी हो, जिन्दगी से रुसवाईया कितनी भी हो, मगर होठों पर मुस्कान और सकारात्मक सोच हमें लक्ष्य की ओर, ले जाती हैं .........
दिल में गम कितने भी हो जिन्दगी से रुसवाईया कितनी भी हो मगर होठों पर मुस्कान सकारात्मक सोच हमें लक्ष्य की ओर ले जाती हैं .........