"जीवनवीणा" की लेखिका कवयित्री
सम्हाल रखा है खुद को ये सोच कर कि तुम हो अनीता श्रीवास्तव
हमें हमारी धरती पर इतना गुमान है कि यही धरती हमारा आसमान है अनीता श्रीवास्तव