Praveen Kumar
Literary Captain
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Medical and scientists student

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जिस दिन तू शहीद हुआ, ना जाने कैसे तेरी माँ सोई होगी, मैं तो सिर्फ इतना जानू वो गोली भी सीने में उतरने से पहले रोई होगी. ___praveen___

खड़े-खड़े साहिल पर हमने शाम कर दी, अपना दिल और दुनिया आप के नाम कर दी, ये भी न सोचा कैसे गुज़रेगी ज़िंदगी, बिना सोचे-समझे हर ख़ुशी आपके नाम कर दी. _____praveen____

भूक से जीती प्यास से भी जीत गई अफ़सोस मगर बारहाँ वो हमसे हारी है छला अपनों ने तो आब्ला कहलाई वरना नारी है प्रेम, प्रेम ही नारी है

Baat निकली है तो दूर तक जाएगी आग कि लपटें तेरे घर तक जरूर आएगी मै जानता हूं तू पानी डाल कर बुझा देगी इस आग को मैंने तो मोहब्बत किया था तुमसे ये आग फिर सुलग जाएगी ----Praveen----

आजकल हम हर teddy को देख मुस्कुराते हैं , कैसे बताये उन्हें कि हमे तो हर teddy में वो ही नज़र आते हैं ~praveen~

अगर आप एक टेडी होते, तो हम अपने पास रख लेते, डाल के अपनी झोली में साथ साथ अपने ले चलते हग कर के रोज़ रात को अपने संग सुलाते…. ~praveen~

नफरतों की सियासत हमको नहीं आती है। आज भी मैं तो तेरे प्रेम का पुजारी हूं।। मैंने तो लिख दी सारी जिंदगी तेरे नाम। तू भी बस एक दफा कह दे मैं तुम्हारी हूं।।

If you are sincerely doing your work without lying yourself eventually you will succeed.


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