Sangeeta Aggarwal
Literary Brigadier
AUTHOR OF THE YEAR 2021 - NOMINEE

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मैं एक अध्यापिका हूँ, एक माँ हूँ.. लिखना मेरा शौक नही जुनून है

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शमशान नही है मृतको का घर वो तो है हर इंसान की आखिरी मंजिल सबको एक दिन उस मंजिल तक जाना है करके अंत एक जीवन का नवजीवन पाना है।

नही हूँ मैं कमजोर मुझमे साहस भारी है जो हर चुनौती को करे पार वही तो भारतीय नारी है

व्यस्त हो चुके है हम इस कद्र अपनी जिंदगी मे कि रिश्तो के लिए हो हमारे पास वक़्त नही खो देते है जब हम इन रिश्तो को तब पता चलता है जब तक जो चीज पास हो होती उसकी कद्र नही ।

किसी के घर जाओ तो निगाह बस इतनी खुली रखो कि आपको उनके सत्कार के सिवा कुछ ना दिखे । और वहाँ से आकर जुबान बस इतनी खुली रखो कि उनकी आवभगत की बात हो उनकी कमियों की नही । 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

अजन्मी बेटी करे पुकार मुझको भी जीने का अधिकार! मैं भी बन सकती बाबा तेरा सहारा यूँ माँ के गर्भ मे मुझे ना मार!

रूप सँवारना कोई बड़ी बात नही. बात तो तब है जब अपना व्यक्तित्व सँवारा जाए.

हर एक की हैं अपनी परेशानियाँ किसकी जिंदगी यहाँ आसान है . फिर भी जीना है मुझको जिंदादिली से इसलिए मेरे होठों पर हर वक़्त मुस्कान है .

एक आपकी कोशिश दूसरा आपका खुद पर विश्वास सफलता पाने के यही दो मंत्र हैं

कैसा ये मौसम आया है सर्दी मे ही गर्मी लाया है.. हे मानव तेरे कर्म हैं ये जिससे प्रकर्ति का संतुलन गड़बड़ाया है


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