अनुपम अंशु शर्मा
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आपके आने का इतंजार था हर बीता लम्हा याद था सब छोड़ चले हम तो बस आप से ही प्यार था

ये रात भी तुझ से रिस्वत ले रखी है जो बिना तेरी यादो के मुझे सोने नही देती

राहुल गांधी ने इस बार हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन बोलने की कतई कोशिश नही की इन्हे ही समझदार कहते है जो अतीत से सबक सीखते है

जीने की चाह में करता गया कोई इसे पुरा करने नहीं दिया करीबिया बढ़ती गई और कोई भी पल उनके बिन अधुरा ना मुझ से बिताया गया

When I see you next, will be quiet again maybe one more time I will not be able to say Will be able to say Lose my self when I see you next

उनके मुस्कुरा कर पलट जाने का क्या मतलब जब निगाहों ने बयां की ही है फिर भी मुझे गैर बताने का क्या मतलब

झूठा है तुम बिन बिता हर पल तुम ही को में हर जगह लिखता हूँ अब मन नहीं लगता इस जग में मेरे साथी कुछ दुर तो साथ चल

वक्त के साथ थामे तुम्हारा हाथ चंदा सुरज की गवाही थी हवा नदीयो ने भी बजाई शहनाई थी

तमाशा देखने वालों को कुछ कमाल चाहिए सरकार जो बिगड़ गई है उनको हड़ताल चाहिए मेरे कलम की सांसे थम गई है जिंदा रहने के लिए उन्ही का ख्याल चाहिए


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