Aditya Anand
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Unfold wings.......more waiting for ur flight.

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जो ठुकरा दिया हुक्मरानों को  किया खातिर गुमनामों को ,  ज्यों भनक लगी पादशाह को ये  चल पड़ा तख्त छोड़  पूरा करने अपने अरमानों को ।

जब चुना ही हुनर देख, कत्ले-आम की भला क्यूँ मायूस हो , देख लाश आवाम की।

ले वक्त से सहमति ख्वाबिदा निश्चित होने लगे हैं , मयस्सर होने लगा तुला ऐसा भी मुंतजिर अच्छे भी चर्चित होने लगे हैं।

Sometimes bloating, Always clotting. It's LOVE, all fair and fresh.

है आरजू कि फलक से जमीं जुड़ जाए मुंतज़िर वो, बस रस्ता खुद-ब-खुद मुड़ जाए , मुसव्विर की जिद भी भला पूरी होती है ? बस सूकून से हो ,  जिनकी कुर्बत वो रोज होती हैं।

कुदरती हूँ, शायद इसलिए कमियां भी है। सच कहूं तो यही होना अच्छा लगता है ।

LOVE is something that enables one to get the most out of LIFE.


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