I'm Anamika and I love to read StoryMirror contents.
Share with friendsतलाशते हुये स्वयं का अस्तित्व पुरी जिन्दगी निकल गई मेंरी अब। मैं को छोड़ने के बाद ही मील पाई हूं खुद से मैं अब।।
मेरी हर लाइन पर तुम वाह-वाह करते हो। मेरे कलम की आवाज को गुमराह करते हो।। मर जाती है कलम खुद की झुठी तारिफ से। बख्श दो इसे अब , तुम बेमतलब की तारिफ से।