मेरा नाम आकिब जावेद है| पिता - श्री मो.लतीफ़ , माता- श्रीमती नूरजहां | मैं एक छोटे से क़स्बे बिसंडा जिला बाँदा (उत्तर प्रदेश) का निवासी हूँ| जन्मतिथि- 06-02-1993, शिक्षा- स्नातक कंप्यूटर साइंस, उत्तीर्ण- प्रथम श्रेणी, सत्र-2012, कालेज- अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा (मध्य प्रदेश)... Read more
Share with friends#Shair भले ही तल्ख़ रिश्ते हो गये हैं ज़ुबाँ पे रहता हैं किस्सा हमारा मुहब्बत मुल्क़ से हमकों बहुत है मिला हैं खून का हिस्सा हमारा -आकिब जावेद
तंज वाणी को अनियंत्रित अमर्यादित असभ्य बनाना पड़ता है। मस्तिष्क में किसी के प्रति नकारात्मक विचारों का प्रवाह उफान में जब होता है, तब वाणी में विचारों का ज्वाला वाणी से गुजरते हुए अन्य के मस्तिष्क में प्रवेश करता है तंज के रूप में। -आकिब जावेद
ग़मो की खूब यारी कर रहा हूँ यूँ मरने की तैयारी कर रहा हूँ जुनूँ में मैं इश्क के आ गया तो फ़ना हूँ ख़ाकसारी कर रहा हूँ मैं भी अब भूल बैठा दर्द अपने मुहब्बत की सवारी कर रहा हूँ ✍️Akibjaved_writes
मोहब्बत के दरो दीवार को प्यार से सींच नफ़रतों के बौछारों में यहाँ क्या रखा है ये ऐसी इमारत है, जो जैसा करे वैसा बने देश को आपस में बाँटने में यहाँ क्या रखा है।। ✍️Akibjaved_writes