CHANDAN JHA
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ये सलीका, ये अंदाज तुन्हें सिखाया किसने। मैं आजकल अकेला हूँ, तुम्हें बताया किसने।

दर्द अगर सहा ना जाए तो उसे चोट मार कर सुन्न कर देना चाहिये।

फर्क बेटा और बेटी का उनसे पूछो जिनके पास कुछ नहीं।

वो इंसान काठ का होगा जो मुश्किल वक्त में अधीर ना होता होगा। ये बात और है कि वक्त निकल जाता है।

इंसान अगर खुश हो तो उसे लगता है हर कोई उसे हीं पुकार रहा। और दुखी हो तो उसे लगता है कि हर कोई उसे हीं दुत्कार रहा।

एकतरफा प्यार महानता नहीं बुझदिली है।


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