SatyaSagari - The ocean of Truth.
आज देखे शाख से गिरते हुए कुछ पत्ते। लगा जैसे बिखर गए हों, अपने कुछ रिश्ते।। समेट कर उन्हें एक पोटली में बांध लिया। यूँ ही मैंने रिश्तों को भी संभाल लिया।।