Lyrics,Poetry, Heartbroken writer
ये विरासत और सियासत के मायनो में अडा हूँ, वीरान हूँ साहब अधूरा शिक्षक ही खड़ा हूँ! कई सालों से धरने और ज्ञापन लेकर खड़ा हूँ, एक भर्ती के लिए अविवाहित पड़ा हूँ!! लवकुश यादव "अजल"