James Williams

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But dear my feelings captures my poem

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अंत तक हम सोचते हैं कि हम प्रेम करते हैं, लेकिन यह जीवित अहंकार नहीं है। दर्पण में प्रतिबिम्बित आत्म-प्रतिबिम्ब के प्रति प्रेम ही हमें नहीं पता था कि इसका रहस्य उदासीनता है या दया।

अंत में हम चंगे हो जाएंगे, इसलिए नहीं कि हमने अलौकिक या चतुर रणनीति अपनाई है, बल्कि इसलिए कि समय ने अपना जादुई शब्द कहा है।


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