समय की कीमत एवं लोगों की अहमियत
गुजर जाने के बाद पता चलता है ।।
"चाय और तुम"
चाय जितना
उबालो कड़क,
उतना बढ जाता है।।
पास तुम जितना
आते हो धड़क ,
उतना बढ जाता है।।
क्यूँ खामोश रहूँ
रहूँ किसी की याद में ।।
बसा लिया मैंने भी जिंदगी
अपने यारों के साथ में ।।