RK KapOOr
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Dr. Joseph Murphy ki एक पुस्तक में कुछ पढ़ा था... अच्छा लगा तो सोचा सभी के साथ शेयर करना चाहिए.... जी हां बिलकुल सही पढ़ा आपने "याद रखिए जब आप किसी की निंदा करते हैं, आप उसे खो देते हैं" 

पाँव डगमगायें कैसे, हौंसले बुलंद हैं मन्ज़िलों की रोशनी है, फ़ासले बस चंद हैं RKapOOr

तुम्हारे लिये कुछ कहूं, शब्द नहीं मेरे पास मगर कभी कुछ ना कह कर भी तो बहुत कुछ कहा जा सकता है बस समझने वाला होना चाहिये मैं जानता हूं तुम वो समझदार हो RK

ये माना मैंने कि तू रब नहीं मग़र याद करता हूं तुझे तू जब नहीं RK

झरोखे घरों के हों यां यादों के झांकना अच्छा लगता है RKapOOr

जहां दूध की नदियां बहती थीं वहां लॉक डाउन में कतरा दूध ना गिरा

कुछ राज़ दफ़न दफ़न होने ज़रूरी हैं ऐ वक़्त तुझे मरना होगा....


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