Caring mother & devoted housewife.. writing is my hobby..
बन कर नदी पहाड़ो में बह जाती हूं, मैं वो कविता हु जो शब्द बनकर, पन्नों में उतर जाती हूं। बबिता कुशवाहा
और कितना रूठेगी ऐ जिंदगी, बहुत हुआ अब तो मुझे माफी दे दे, बस एक बार खुशियों को मेरे घर की चाबी दे दे।