Dharmendra Mishra, a visionary Indian author and philosopher whose literary works have left an indelible mark on the world of Hindi literature. Born in Madhya Pradesh, Dharmendra's journey from a small town to becoming a celebrated author is a testament to his passion for storytelling and... Read more
Share with friends"चन्दन होना कौन नहीं चाहेगा , स्वयं महके औरों को भी महकाये , किन्तु महकेगा वही ,विचारों से जिसके नवीनता के नवांकुर हैं फूटे। " -धर्मेंद्र मिश्रा
"आत्म सम्मान की रक्षा करना हमारा अपनी अंतरात्मा के प्रति कर्तव्य है, आत्म सम्मान खोकर सांसारिक उपलब्धता को तो प्राप्त किया जा सकता है किन्तु व्यक्तित्व का विकास संभव नहीं। " -धर्मेंद्र मिश्रा
"स्वयं को बड़ा साबित करने के लिए दूसरों को नीचा दिखाना तथा छोटा समझना ,पशुवत मानसिकता का परिचय है। " -धर्मेंद्र मिश्रा
"चन्दन होना कौन नहीं चाहेगा , स्वयं महके औरों को भी महकाये , किन्तु महकेगा वही ,विचारों से जिसके नवीनता के नवांकुर हैं फूटे। " -धर्मेंद्र मिश्रा
"खबर से तो तुम कब का बेखबर हो गए , तअज्जुब है अभी भी कुछ लोग तुम्हें अख़बार ही कहते हैं। " -धर्मेंद्र मिश्रा
"जिसका चिंतन, संग और सेवन करने से ह्रदय में नाकारात्मक भाव पैदा होते हों, ऐसे विचार, व्यक्ति और भोज्य पदार्थ का त्याग सर्वथा उचित है। " -धर्मेंद्र मिश्रा
"विवेकशील पुरुष को कभी धैर्य का साथ नहीं छोड़ना चाहिए , क्योकि गुणों में धैर्य ही सर्वोत्तम है। " -धर्मेंद्र मिश्रा