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वाढण्याआधी रूजाव लागतं आणि चमकण्याआधी झिजाव लागत
"सपने आये है अश्क आये है इन आखों मे कितने समंदर समाए है होंठो ने चुमा है लहराती हवा कों इन हाथों ने बते बिगडते रिश्ते निभाये है" @lajwanti kute