Dimple Dadsena
Literary Captain
26
Posts
46
Followers
2
Following

Save the earth

Share with friends

मुसीबतों का दौर जब भी आता है, हर दफ़ा इक नया इल्म दे जाता है। -डिम्पल डड़सेना

भूखे पेट बच्चे,बेमौत मारे जाते हैं, आज भी लोग महज दो रोटी को तरसते हैं, ऐसे में ख्वाबों का इंतजार करूं तो कैसे, विश्वगुरु भारत का चित्र उकेरुं तो कैसे?

ये स्याह रातें,ये अंधेरों का आलम, सूरज के आते ही हट जायेंगे। दिल में है उम्मीद-ए-सहर , हर गम के बादल कट जायेंगे। - डिम्पल डड़सेना

हौसला गर मन में हो, तो हर मुश्किल आसान है। पहले प्रयत्न तो करें, इसी में छिपा जीत का पैगाम है।। ✍डिम्पल

ढेर सारी कठिनाईयाँ हैं, इस छोटी सी जिन्दगानी में । लेकीन संघर्षों से ही तो हौसला बुलंद होता है,किसी भी कहानी में।। ✍ डिम्पल

बिन मांगे जिनकी दुआ, किस्मत हमारी चमका जाती है । अक्सर उन्हीं बुजुर्गों की कीमत,वक्त पर समझ नहीं आती है।। ✍डिम्पल


Feed

Library

Write

Notification
Profile