मना रहे आजादी का अमृत काल गरीबी बेरोजगारी अभी भी सवाल
आजादी का पर्व मनाएंगे
तिरंगे को फहराएंगे
धरा पर होंगे यदि जंगल
मानव का होगा हमेशा मंगल
यदि लगाओगे पेड़
नहीं मिलेंगे धूप के थपेड़।
परिस्थिति ना बदले,
तो मनस्थिति बदलें।
इरादा नहीं तरीका बदलो,
सोच नही सलीका बदलो।