AMAN SINHA
Literary General
AUTHOR OF THE YEAR 2021 - NOMINEE

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नया हूँ। लिखने की कोशिश कर रहा हूँ। आपका साथ और आशीर्वाद चाहिए।

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जो लिखता हूँ जो पढ़ता, ह वही बस याद रहता है बस कागज कलम हीं है, जो मेरे पास रहता है भरोसा बस मुझे मेरी, इन चलती उँगलियों पर है ज़हन जो सोच लेता है, कलम वो छाप देता है

जो लिखता हूँ जो पढ़ता हूँ, वही बस याद रहता है बस कागज कलम हीं है, जो मेरे पास रहता है भरोसा बस मुझे मेरी, इन चलती उँगलियों पर है ज़हन जो सोच लेता है, कलम वो छाप देता है

अब रोना-धोना छोड़ दिया कुछ कहना-सुनना छोड़ दिया ना बात कोई अब चुभती है हमने तह तक जाना छोड़ दिया

कभी हम भीड़ में खो जाया करते थे अब भीड़ में खो जाते है हम कभी हम बरसात मे नहाया करते थे अब बरसात में नहाते है हम


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