कवि, लेखक, विश्लेषक, वरिष्ठ अध्यापक - गणित
भिन्न भिन्न प्राणी जग में, पग खीचन तो सब देखे l कुमार देखे ऎसे प्राणी, हाथ खीचन में आगे दिखे ll कुमार जितेन्द्र