ना तो तो शायर हूँ ना ही कहानीकार मेरी सोच इतनी दूर तक नही जाती है मै लम्हो मे जी के लम्हे जितने खयालात लिखता हूँ और.... वैसे भी कहानी तो जिन्दगी की होती है, शायरी लम्हो की...😊
अकेली हो जाती है दुनिया जब मां कहती है, तू भी कुछ सीख ले मैं कब तक साथ रहूंगी? कृतिका निगम