रक्षाबंधन सही मायने में रक्षाबंधन तभी कहलाएगा, जब हर कोई नारी की इज्ज़त करना सीख जाएगा, अपनी बहनों की हिफाज़त तो करते हैं सभी जब औरों की सुरक्षा की भी ज़िम्मेदारी निभाएगा। ✍सुमित मानधना 'गौरव', सूरत 😎
कितने सालों बाद मेरी आपके साथ बात होगी, लगता है जरूर ख़्वाबों में भी मुलाकात होगी। सुमित मानधना 'गौरव'
किसने कहा गोरो को हमेशा सम्मान मिलता है, बहुत बार कालो को भी मान मिलता है, जहां मिलते हैं सफेद तिल ₹200 किलो वही काला तिल ₹500 किलो बिकता है। सुमित मानधना 'गौरव' सूरत, गुजरात।
जीवन में मैने गांठ बांध ली बापु की एक बात चाहे कुछ भी हो जाये मत छोड़ना सच का साथ ✍कवि सुमित मानधना 'गौरव'
When life throws unexpected challanges Catch them & show it you can face many challanges! Sumit Mandhana 'Gaurav'
तेरी मुस्कुराहट पर मैं आज भी मरता हूं, तेरा दीदार होते ही गम अपने भूल जाता हूं। कवि सुमित मानधना 'गौरव'
मेरी तन्हाई हमेशा साथ देती है, रिश्तो की तरह दगा नहीं देती है! भले सब मुझसे दूर हो जाए वो हमेशा मेरे पास रहती है! कवि सुमित मानधना 'गौरव'