दिल दुखता रहे तो एहसास होता है तेरे होने का ए जिंदगी! समय निकालकर थोड़े थोड़े ही सही, देते रहा कर जखम। थोड़ा शुकुन क्या मिल जाये इस दिल को, कसम से ऐसा लगता है कि शायद, मर गए है हम।
सांसों का भी भरोसा नही है और हम भरोसा कर लेते है गैरों पर उनकी हर बात ऐसे मान लेते है जैसे वो मसीहा हो इसी तरह कुल्हाड़ी मार लेते अपने ही पैरों पर