आशु कवियित्री, पत्र पत्रिकाओं में रचनाये प्रकाशित, राजस्थानी काव्य पुस्तकों में कविताये प्रकाशित, जयपुर दूरदर्शन से काव्य पाठ प्रसारित..... सूक्ष्म चित्रकार, प्रसिद्ध श्री सांवरिया मंदिर आर्ट गैलरी में "बकासुर वध " आधारित पेंटिंग प्रदर्शित.... वर्तमान में चित्तोड़ न्यायालय में पदस्थापित..
Share with friendsहम कैद है और वो पिंजरे को खिलौना समझ बैठे है, दर्द दिल का हमारे क्या वो समझेंगे, दिल को जो हमारे खिलौना समझ बैठे है
मेरी छवि को धुंधला करने की बजाय, खुद को चमकदार करते तो बेहतर था, यूँ एड़िया ऊँची करने से कद ऊँचा नहीं होता ✍️इतु
मेरी तुमसे हर " शिकायत " बेबुनियाद है, समझते क्यो नहीं, ये तो बस तुम्हारे गले लगने की एक "कवायद" है , समझते क्यो नहीं