क्या हासिल करुँ ज़िन्दगी में की तू मिल जाए कितना तराशा हैं ख़ुद को की इक हीरा मिल जाए खुश रहता हूँ अक्सर की कभी ख़ुशी मिल जाए ये सोच कर सोता हूँ की कभी सवेरा मिल जाए
मेरे हाथ खाली हैं ज़रूर पर दिल में कई अरमान हैं तेरी मेहनत का तुझको मिले शायद खुदा का ये फ़रमान हैं | -दीपांशु असरी
वक़्त बेवक़्त ही सही , कभी तो मौका आएगा हम भी जहाँ में कुछ होंगे , कोई हमें भी गले लगाएगा -दीपांशु असरी
किस्मतें नहीं साथ तो क्या ? कुछ हुनर तो हैं हम में हम किसी के पीछे नहीं कोई बात तो हैं हम में | -दीपांशु असरी