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इंसान सोचता है कि मुझसे बड़ा कोई नही यहाँ खुदा भी नही आएगा यहाँ अंजान है, वो इस तूफ़ान से जो मंडरा रहा चारों दिशाओं में लगा है जंग उसके दिमाग़ में जो समझता है खुद को खुदा इस जहां में ।।