मन की तरलता कलम की स्याही है, दिल की अदालत में मेरी गवाही है। सवाल वाज़िब हैं जज़्ब मसले हैं, उसी के दर पे मेरी सुनवाई है। सुनेगा मेरी भी सबकी सुनता है, उसके पास हर मर्ज़ की दवाई है। I am an Assistant Professor, English, a poet, a blogger and author...What I feel, desire, aspire and admire;... Read more
Share with friendsलिखें क्या अँगूठा एकलव्य हुआ महलों में आयोजन कोई भव्य हुआ कल समाचार रक्त में लिखा जाएगा फिर भी राजा को होश कहाँ आएगा
आँखों में शब भर अँधेरा है नूर रोशन ख़्वाब तेरा है आजकल ख़्वाबों में भी आता नहीं गुँचे शबनम के गीत कोई गाता नहीं लाज़िम है बिन तेरे यहाँ मायूसियों का डेरा है